सिंहस्थ का केवल क्षिप्रा नदी में डुबकी लेने की तुलना में काफी महत उद्देश्य है। यह अनेक आध्यात्मिक गुरुओं से मिल कर, उनसे वार्तालाप कर उनके ज्ञान में विसर्जित होने का एक अमूल्य अवसर है। यह भारत में अभ्यास मे लिए जाने वाले अद्वितीय अनुष्ठान व क्रियपद्धतियों का साक्षात् अवलोकन करने का एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है। सिंहस्थ आपको मेले में आए अनेक अखाड़ों और गुरुओं के द्वारा महाकालेश्वर मंदिर के निकट खड़े किए जानेवाले शिविरों में उनके साथ सम्भाषण में समय व्यतीत करने का अवसर और अनुभव प्रदान करता है। इस से आपको साधुओं के जीवन और उनकी प्रथाओं का बहुमूल्य परिज्ञान होता है। श्री कपालिक महाकाल गुरूजी ने कई बार कुम्भ के मेले मे अपने शिविर लगाए हैं।
हमारा शिविर जो महाकालेश्वर मदिर के समीप, भैरवगढ़ में प्लाट संख्या १२४/१ पर स्थित है, वह दो प्रकार के समायोजन की व्यवस्था प्रदान करता है :-
o कुटिया (१० x १२ फीट )
अधिकतम ३ लोग या एक छोटे परिवार के लिए अनुकूल
एक डबल बेड और एक कूलर प्रबंधित
नाश्ते , दोपहर और रात के भोजन का प्रबंध
भारतवासियों के लिए रु ६०००/- प्रति दिन अथवा विदेशियों के लिए १५० अमरीकी डालर प्रति दिन
o तम्बू
फर्श पर गद्दे
20 व्यक्ति प्रति तम्बू
एक कूलर प्रबंधित
नाश्ते , दोपहर और रात के भोजन का प्रबंध
भारतवासियों के लिए रु १५००/- प्रति दिन अथवा विदेशियों के लिए ५० अमरीकी डालर प्रति दिन