कुम्भ मेला एक विशाल प्रक्षालन महोत्सव है जिसमे विश्व भर से लाखों भक्त व श्रद्धालु भाग लेते हैं और पूरे एक माह तक इसे पर्व की भांति मनाते हैं।
कुम्भ मेला १२ वर्षों मे एक बार लगाया जाता है। इसे हरिद्वार, प्रयाग ( अल्लाहाबाद ), नासिक और उज्जैन मे से किसी एक स्थान पर हर बार असीम आडम्बर के साथ खड़ा किया जाता है। सूर्य और बृहस्पति के अलग अलग राशि चक्र के संकेत द्वारा कुम्भ मेले का स्थान निर्धारित होता है।
सिंहस्थ एक हिन्दू धर्म प्रधान सभा है जिसे हर १२ वर्षो मे एक बार भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित उज्जैन मे आयोजित किया जाता है।
इसे उज्जैन कुम्भ मेले के नाम से भी जाना जाता है। गणितज्योतिष के अनुसार बृहस्पति गृह इस काल चक्र के पर्यन्त सिंह राशि में स्थिर होता है।
इसी कारणवश यह सिंहस्थ मेले के नाम से प्रसिद्द है। सिंहस्थ के दौरान, उज्जैन से हो कर बहनेवाली पवित्र नदी क्षिप्रा मे अनुष्ठानिक स्नान का आयोजन होता है।
मध्य प्रदेश का पवित्र शहर उज्जैन देश के प्राचीन प्रदेशों में से एक है जो क्षिप्रा नदी के पूर्वी तट स्थापित है। इसे मंदिरों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है जहाँ का सबसे प्रमुख मंदिर श्री महाकालेश्वर का है।
है। भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों में से यह मंदिर भी एक है। महाकालेश्वर भगवान की मूर्ति का इस मंदिर के दक्षिण दिशा की ओर मुखीकृत होना ही तांत्रिक परंपरा के अनुसार अपने आप मे अद्वितीय माना जाता है। पौराणिक कथाओं में भी उज्जैन को भारत के सबसे पवित्र नगर के रूप में घोषित किया जा चूका है।